मैं थोड़ा सा स्वाद,
तुम तेज़ ख़ुश्बू| |
मैं ठंड का सवेरा,
तुम पतझड़ के रंग |
मैं कप कपी में गुम जाऊँ,
तुम ठहाकों से खुल जाओ |
मैं भूला कोई चुटकुला,
तुम अनोखी एक बात |
मैं रेत का कतरा,
तुम रेगिस्तान की प्यास |
मैं झील की लहर,
तुम पहाड़ों की आकाश गंगा |